दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
Irrespective of 1’s social standing or authority, By reciting this, they achieve purity and victory. Even those people who are childless and yearning for needs, Will surely receive blessings throughout the grace of Lord Shiva.
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
कीन्ह दया Shiv chaisa तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
हनुमान चालीसा लिरिक्स
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।